सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

यशोदा देवी: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तरप्रदेश कि प्रथम महिला विधायिका




 यशोदादेवी : उत्तरप्रदेश कि प्रथम महिला विधायिका ।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं प्रथम विधानसभा की, प्रथम महिला विधायिका जो लगातार 4 बार, गोरखपुर जिले के बांसगांव,और धुरिया पार क्षेत्र से विधायिका रही: पांचवीं बार सन 1969 के मध्यवर्ती चुनाव में चुनाव हारने के बाद राजनीति से संन्यास ले लीं और समाजिक कार्य में लग गई।। 

  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी  देश की आजादी की लड़ाई में भी इनका अहम योगदान रहा,तीन बार जेल गई ,एक बार तो अपने दूध पिती बेटी के साथ जेल गई।चौरी चौरा कांड में भी इनका अहम योगदान था।तमाम सेनानियों का ठहरने और खाने की व्यवस्था किया करतीं थी।किसी मिशन को अंजाम देते समय कितने बार रात्रि में टेलीफोन के पोल पर चढ़कर टेलीफोन की तार काट दिया करती थी ।ताकि अंग्रेजो का संपर्क टूट जाय। 



उत्तरप्रदेश में आजादी के बाद गठित पहली विधानसभा
का कार्यकाल सन 1952-1957 का रहा। इस चुनाव में धरकार समाज में जन्मी यशोदा देवी गोरखपुर जिले के 297 - बॉसगॉव (दक्षिण पश्चिम) विधान सभा सीट से कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार यशोदा देवी खड़ी हुई और   
इस तरह उत्तरप्रदेश राज्य की प्रथम विधानसभा की प्रथम महिला  विधायिका का गौरव प्राप्त हुआ।  













बांसगांव से लगातार 2 बार 1952 और 1957 से अपनी जीत दर्ज कराई। 1967 में धुरियापार क्षेत्र से चुनाव जीती। इस प्रकार 4 बार जीत दर्ज 1952 -1969 तक विधायिका रही । 1969 में बांसगांव से चुनाव हार गई।  इसके बाद भले इन्होंने चुनाव लड़ने से संन्यास ले लिया लेकिन समाज कार्य मे अपनी सेवा अंतिम छणों तक करती रहे। 


1 जान 1999 को का इनका स्वर्णवास हो गया। इनके परिवार में 1 पुत्र व 3 पुत्रियां है। इनका अंतिम संस्कार राजघाट पर हुवा मुखाग्नि  पुत्र रामचंद्र  ने दिया।

आर सी धारिया, गोरखपुर

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

धरकार समाज के वो सितारे जिन्हें दुनिया जानती है।

धरकार समाज एक प्राचीन व प्रतिष्ठित समाज मे से एक है।  अल्पसंख्यक होने के साथ साथ अज्ञानता के  कारण इसका इतिहास खो गया है। आइये जानते है समाज के कुछ ऐसे सितारों के बारे में जिन्हें दुनिया जानती है। 1) श्रीमती यसोदा देवी :      ✔ प्रथम महिला विधायिका उत्तर प्रदेश ।      ✔ 1950 -1967 तक 3 बार बांसगांव , गोरखपुर से विधायक रही।     ✔ समाज को उच्च शिक्षित करने में सदा प्रयासत रही। 2 )  विधायक  श्री दीनानाथ सेवक जी :     ✔ उद्योग मंत्री,     ✔ समाज कल्याण मंत्री,     ✔ भण्डारगार निगम लिमिटेड तथा उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष,     ✔ विधान सभा एवं विधान परिषद अध्यक्ष।    3) विधायक श्री पतिराज जी :     ✔ 1991 में सरायमीर, आज़मगढ़ से विधायक रहे। 4) स्वतत्रता सैनानी बाबूलाल वर्मा :     ✔  एक महान स्वतंत्रता सैनानी जिनके नाम पर हृषिकेश में आज भी एक सड़क है। 5) स्वतंत्रता सेनानी सीतार...

धरकार समाज का इतिहास

Dharkar Caste Home The word Dharkar comes from the Hindi words “dhar” meaning rope and “kar” meaning manufacturer, denoting their occupation which was making crackers for celebration in festivals, Bamboo Baskets and field work in Agriculture. The Dharkar are found mainly in Gorakhpur ,Basti, Gonda ,lucknow, Deoria , Banras, Azamgarh, Gazipur, Balia,Mau, Allahabad Districts and other parts of India Like Bihar, MadhyaPradesh, Maharashtra, West Bangal, Gujarat  and Uttrakhand. The Dharkar speaks Hindi, Awadhi, Bhojpuri. PresentCircumstances:  Dharkar Community mostly found in Uttar Pradesh , In other State due to minority Dharkar included in other castes category . Dharkar Caste is divided in three categories 1st that only work Farm land 2nd in making of Fire Crackers use in festivals and 3rd make artwork and articles making like basket etc from Bamboo & Bet for Religious and Puja use. Bamboo article work makes other caste also but real Dharkar i...

समाज को संगठित कर कैसे एक नियम में बांधे ?

समाज को एकता के सूत्र में पुराने के लिये एक सशक्त नियम कार्यप्रणाली की आवश्यकता है।         _जिस तरह खेत मे *बीज लगाते* ही बरसात हो जाये तो वह *जीवनदाई पानी भकच्छ बन* बीज को पौधा बनने से पहले ही उसे बहा ले जाता है।_ ठीक उसी तरह यह तत्कल चुनाव  के कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं।    _यह ना हो उसके लिये गलतीं कर सिखने से अच्छा है । जो हमारे सामने हमारे देश का उदाहरण है उससे सिख लेकर उसे अपने समाज का संविधान बनाने में इस्तेमाल करे।_  _ऐसे तो हम सभी ने अपने देश का इतिहास पढ़ा है और मुझे नही लगता कि वह किसी को बताने की आवश्यकता नही है_। केंद्रीय समिति को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी== पढ़ने के लिए ये लिंक ओपन करे ======================== *देश की इतिहास पर आते है और उस घटना क्रम को अपने समाज से जोड़कर समझने का प्रयास करते है।* ⚜ 1) हमारा देश: _*स्वतंत्रता दिवस 15 aug1947* के पहले देश के करोड़ों लोगो आजादी की जंग के हिस्सा लिये कहि दलों ने  इसमे हिस्सा लिया , कुछ पार्टी से जुड़े हुवे कुछ नही जुड़े हुवे थे। कोई नरम दल में...