Draft list of United Dharkar Central Committee
जय धरकार समाज
1)
a)
क्या अभी चुनाव होने जा रहा है ?
b)
सिर्फ संगठन और संस्थाओ को ही क्यों बुलाया जा रहा है ?
c)
आम स्वजाति मत क्यों नहीं लिया जा रहा है ?
a) उत्तर : जिस तरह खेत मे "बीज
लगाते" ही बरसात हो जाये तो वह "जीवनदाई पानी भकच्छ
बन" बीज को पौधा बनने से पहले ही उसे बहा ले जाता है। ठीक उसी तरह यह तत्काल बिना तैयारी के आम जनता
के मत से चुनाव के कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं।
अतः हम बिना तैयारी के /आम जनता के भागेदारी के बिना चुनाव नहीं करने जा रहे है ।
b) उत्तर : समाज हित में
समाज को “राष्ट्रिय एकता ” के शुत्र में पिरोने के लिए हम अभी सभी संगठन और संस्थाओ को लेकर केंद्रीय टीम का गठन करने जा
रहे है । इसकारण सिर्फ संगठन और संस्थाओ को ही क्यों बुलाया जा रहा है।
c)
उत्तर : जल्द ही सारी रूप
रेखा बना कर आम स्वजाति का मत लिया जायेगा ।
2)
a) जी समझे नहीं अभी आम स्वजाति भाई की भागेदारी नहीं ली जाएगी , कृपया कोई सरल
उपाय देकर समझाए की ऐसा क्यों ?
b) हम क्या करने वाले है ?
c) और आम स्वजाति
भाइयो की कब भागेदारी की जाएगी ?
a) उत्तर : गलतीं कर सिखने से अच्छा है । जो हमारे सामने
हमारे देश का उदाहरण है उससे सिख लेकर उसे अपने समाज का संविधान बनाने में
इस्तेमाल करे।
b) उत्तर :
हमारा देश का संविधान
कैसे बना !
|
हमारे समाज की केंद्रीय
कार्यप्रणाली कैसी बनेगी ?
|
“स्वतंत्रता दिवस 15 aug1947” के पहले देश के
करोड़ों लोगो आजादी की जंग के हिस्सा लिये कहि दलों ने इसमे हिस्सा लिया , कुछ पार्टी से जुड़े हुवे कुछ नही जुड़े हुवे थे। कोई नरम दल में था कोई गरम
दल में था किंतु सबकी मंजिल एक थी ।
|
70 सालो से एकत्रित होने के लिये अलग अलग संगठनो ने, समाज सेवियों
और चितको ने चाहे कोई
किसी संगठन से जुड़ा हो या ना जुड़ा हो सभी तन, मन, धन से प्रयास कर रहे है।
|
जब घोषणा हो गई जी 15 aug 1947 को भारत को
आजाद कर दिया जाएगा। और अखंड भारत को
लोकतंत्रित तरीके से चलाने की बात हुई तो। उस समय की 40 करोड़ आबादी के चुनाव
से नही *सिर्फ उस समय मे सभी दलो के कुछ नेतृत्व कर्तावो ने मिल कर एक मीटिंग
कर केंद्रीय कैबिनेट का गठन किया गया।
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हम भी 9 sep 2018 इलाहाबाद में
सभी संगठनो की मीटिंग कर एक सयुक्त केंद्रीय धरकर समिति का गठन करने जा
रहे है।
|
सर्व सहमति से केंद्रीय
कैबिनेट का गठन किया गया। जिसके पंडित
जवाहरलाल नेहरू जी को अपना अध्यक्ष चुना
गए । कमिटी ने संविधान को बनाने की
जिम्मेदारी डॉ राजेन्द्र जी कि
अध्यक्षता में बनाने की जिम्मेदारी दी ।
बाबा साहब अंबेडकर जी मे संविधान तैयार किया ।
|
हम भी सर्व सहमति से केंद्रीय कैबिनेट का गठन करेंगे
। जिसमे सबको सभी संगठनो और संस्थाओ को जिम्मेदारी दी जाएगी।
|
3 साल बाद 26 नवंबर १९४९ भारत का संविधान अपनाया गया था। २ महीने बाद यह 26 जनवरी, 1 9 50 को प्रभावी हुआ, जिसे “गणतंत्र दिवस ” के रूप में मनाया जाता है।
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हमे भी सभी से चर्चा
चर्चा मंतन कर ,
अभी "सयुक्त
केंद्रीय धरकार समिति" चलाते हुवे
, जो जो समस्या सामने आएगी /सुझावों को लेकर / अभी बनाये गए
नियम से अनुभव लेकर अपने समाज के “सयुक्त केंद्रीय धरकार समिति” में सुधार करते हुवे एक केंद्रीय
नियमावली बनाई जाएगी।
|
c) उत्तर :
आजादी के 5 साल बाद 1952 को देश का पहला आम चुनाव हवा।
★ तक तक हमारे पास एक सशक्त संविधान बन कर तैयार हो गया था।
★ वोटर लिस्ट बन गई थी।
|
हमे भी इसी तरह अभी
★एक सयुक्त कैबिनेट बना कर,
★ एक निश्चित समय सीमा लेकर
★ एक कार्यप्रणाली( संविधान) बना कर
★ समाज की जनगणना युद्ध स्तर पर पूर्ण कर एक आम
चुनाव कराना है।
|
सयुक्त केंद्रीय धरकार समिति प्रारूप
“मौजूदा परीस्तिथियो को देखते हुवे जो प्रश्न मन मे उठ रहे
है ? कृपया उस पर विचार मंथन कीजिये ।“
v जब सभी संस्थाए सयुक्त रूप से "केंद्रीय
टीम के लिये कार्य तो करना चाहती पर विलय" नही चाहती है। तो राष्ट्रिय एकता
कैसे बनेगी ?
v वह कौन सी युक्ति है, कानून है, नियम है,
जिसके माध्यम से
विभिन्न विविधितता , विभन्न बोली भाषा
और धर्म के बावजूद,हमारा भारत देश आज अखंड भारत
कहलाता है ।
v ४९ राज्यों को मिलाकर बना अमेरिका आज विश्व का सबसे शक्तिशाली देश
USA बन गया है ।
v ७ एमिरात (प्रान्त ) को मिलकर बना UAE आज विश्व का सबसे शक्तिशाली करेंसी बन गया है
v कैसे पूरी होगी समाज की मांग ।
v “ वह माँग जिसे पूरा समाज और सभी संस्थाए
चाहती है की एक ऐसी "सशक्त केंद्रीय टीम " बने जो
लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करे ।जिसकी बात हर कोई माने / हर नीति का लाभ हर
व्यक्ति तक पहुँचे “
Important अपनी बात को आसान शब्दो मे आम जन को सरलता से
समझ में आ जाए इसलिये प्रचलित नाम का सहारा लेकर बताने का प्रयास किया गया ह। ताकि
उस उदाहरण से जल्द समझ मे आ जाये।
Ø ३ तरह के शाशन
तंत्र ( कार्य प्रणाली) होती
है ।
Ø १) राज्य तंत्र :- जिसमे सारा निर्णय
राजा के आदेश पर निर्भर होता है ।
Ø 2) धर्म तंत्र : जिसकी सारी
कार्य प्रणाली धार्मिक ग्रन्थ पर होती है ।
Ø 3) लोक तंत्र : इसमें किसी एक का निर्णय नहीं होता है विधायका , न्यायपालिका , कार्यपालिका का
कार्य का काम स्पष्ट विभाजित होता है ये सभी नियम से चलते है।
Ø हिटलरसाही लोकतंत्र के लिए घातक है ।
संघात्मक प्रणाली ( संयुक्त प्रणाली )
Ø एक मजबूत प्रणाली है इसके अंतर्गत सभी शक्तिया /संस्थां / संगठन मिलकर एक महाशक्ति बनायेगे , परन्तु उन शक्तियों/ राज्यों/ संस्थाओ को बहार निकलने की
अनुमति नहीं होती है ।
Ø क्योकि अगर कोई इससे बहार निकलता है तो निकलने
वालो को कोई फर्क नहीं पड़ता है किन्तु वह महाशक्ति टूट जाता है ।
Ø जिस तरह भारत में सभी राज्य मिल कर एक राष्ट्र
अखंड देश का निर्माण तो किये किन्तु किसी भी राज्य को भारत से अलग होने का
अधिकार नहीं है।
Ø एक आम
व्यक्ति भी अपनी योग्यता के आधार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बन सकता है
Ø एक आम व्यक्ति भी सिस्टम में रहकर जो गलत है
उसे सुधार सके चाहे चुनाव के माध्यम से जिनप्रतिनिधि बन कर या न्यायपालिका ( बुद्दिजीवियों
) के पास जाकर सुधार कर सके।
Ø इस तरह से समझे हमारे देश में एक आम आदमी को
सिस्टम के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री , जज तक बन सकता है कुछ गलत है तो उसके लिए न्यालय तक जा सकता
है किन्तु किसी को हतियार उठाने या अलग देश की मांग करने का अधिकार नहीं है
हमे अपनी केंद्रीय टीम को 4 स्तभ पर रखना
चाहिए।
1) स्थाई कार्यकरणी
2) न्यायपालिका
3) विधायिका
4) मीडिया
1) ✒ स्थाई कार्यकरणी :
सभी रजिस्टर संस्थाओं को केंद्रीय
कार्यकारणी में एक निश्चित कोटा के तहत सीट दिया जाये।
2)✒ बुद्दिजीवियों को
कार्यकरणी :
एक कोटा के
तहत समाज के बुद्दिजीवियों को कार्यकरणी में शामिल किया जाये।
3) ✒ विधायिका :
बाकी सीटों
पर पर प्रत्येक जिलो के जनता द्वारा चुने
हुवे प्रतिनिधि को लिया जाए।
NOte: जो संस्थायें
रजिस्टर नही है, उन्हें भी यह
पूर्ण अधिकार है की वे “सयुक्त धरकार केंद्रीय समिति “ में निम्नलिखित माध्यम से शामिल हो सकते है।
1) किसी भी रजिस्टर टीम के साथ गठबंधन करके।
या
2) अपने UNरजिस्टर संस्था के बुध्दीजियो को बुद्दिजीवियों कोटा के तहत
दावेदारी करके।
या
3) चुनाव में अपने प्रतिनिधि खड़े करके।
______________________________________________
4 स्तभ क्यों बनाना जरूरी
है ?
1 ) स्थाई कार्यकरनी :
Ø राज्य सभा के तरह कभी ना बंग होने के कारण
तथा सयुक्त केंद्रीय धरकार समिति में सभी
संस्थाओ के प्रतिनिधि शामिल होंगे कोई यह नही कह सकता कि मुझे इसकी जानकारी नही
है।
Ø हर योजना में इन्हें शामिल कर चर्चा की जाएगी।
Ø इन्हें हर मीटिंग में बुलाया जाएगा।
2) ✒ न्यायपालिका :
Ø इसमे समाज के वे सम्मानित व्यक्ति होंगे ।
डॉक्टर, टीचर, वकील, अन्य graduate वे अपना एक अध्यक्ष चुनेंगे जो उस जिंले के जज होंगे
।
Ø संस्थाओ के आपसी और लोगो के आपसी विवाद को
सुलझाने में इनकी भूमिका होगी।
Ø हर योजना में इन्हें शामिल कर चर्चा की जाएगी।
Ø इन्हें हर मीटिंग में बुलाया जाएगा।
3) विधयिका :
Ø जनता द्वारा चुना प्रतिनिधि जिसे कहि अधिकार
होंगे।
Ø हर योजना में इन्हें शामिल कर चर्चा की जाएगी।
Ø इन्हें हर मीटिंग में बुलाया जाएगा।
Ø कोई गलत कार्य करने पर इसे न्यायपालिका और
स्थाई कार्यकरनी रोकने का कार्य करेगी।
4) मीडिया
Ø एक आम स्वजाती भाई को कुछ गलत लगे तो उसकी बात
न्यापालिका या बुद्दिजीवियों के पास अपनी बात को रख सकता है और मीडिया के माध्यम
से जनजागृति कर सकता है।
सयुक्त धरकार
केंद्रीय समिति कर्तव्य
Ø केंद्रीय टीम के शामिल सभी संस्थाओ का
कर्त्तव्य होगा कि वह केंद्रीय टीम को सशक्त बनाये।
Ø केंद्रीय टीम के शामिल सभी संस्थाए एक निश्चित
रकम हर साल केंद्रीय कोष में जमा करें।
Ø फण्ड के लिय समाज से एक सामर्थ अनुसार फीस ली जाए।
Ø उस फीस को केंद्रीय टीम के शामिल सभी टीमो का
एक ही बैंक एकाउंट जमा करवाना।
(जिस तरह GST के टैक्स 50% केंद्र CGST और 50 % राज्य SGST को लेकर अपने अपने क्षेत्र के विकास में कार्य
करती है।) हमे भी उसी तर्ज पर करना चाहिए
1.
एक एक जिंले मे 5 -5 जिलाध्यक्ष ना
बने और जो चुना भी जाये वह जानता द्वारा चुना जाए इसके लिये।
2.
हमे यह करना
चाहिए कोई भी संस्था किसी भी जिंले में कोई भी जिलाध्यक्ष नही चुन सकती है। लेकिन हां वह अपना प्रतिनिधि
चुनाव में खड़ा कर सकती है।
3.
ताकि जिंले से 1ही सांसद यानी 1 ही समाज द्वारा
जिलाध्यक्ष चुना जाये।
केंद्रीय समिति को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
1) यह सम्मेलन नही केंद्रीय टीम का गठन किया जा रहा है है।
2) यह आम जनता का चुनाव नही है बल्कि सर्व सहमति से केंद्रीय कमिटी का गठन
है,
3) आम जनता के माध्यम से चुनाव के
लिये ।कमिटी ढाँचा बना कर भविष्य में कराएंगी।
4) यहाँ पद नही जिम्मेदारी को सौफा
जाना है।
5) जिम्मेदारी किसे क्या देना है उसपर
सभी संगठननो के माध्यम से आम समहमी बना कर
दी जाएगी।
6) जहाँ आम सहमति नही बनेगी वहाँ बहुमत का सहारा लिया जाएगा।
7) जिसके लिये स्वयं मूल्यांकन पत्र सभी
को भरना जरूरी है।
8) किसी का स्वागत सत्कार नही किया जायेगा। डॉ लालजी निर्मल जी आते है तो उन्हें
छोड़कर
9) जो भी खर्चा होगा समान रूप से सभी संगठनों पर
होगा।
सयुक्त धरकार केंद्रीय समिति मीटिंग का प्रारूप
मीटिंग 3 चरणों मे होगी :
Note: हर चरण के बाद 30 min का ब्रेक होगा।
1) पहला चरण :
Ø पहले चरण में कॉमन उद्देश्य पत्र पढ़ कर बताया जाएगा। और किस तरह कार्य करने की
योजना है उस कार्यप्रणाली को बताया जाएगा।
Ø ईस बीच हम सभी
अपने dairy में पॉइंट नोट करते रहेंगे।
Ø "बीच मे कोई कुछ नही कहेगा"।
Ø उसके बाद 30 min का ब्रेक होंगा। जिसमे हमको जिस पॉइंट पर
आपत्ति होगी उसपर हम अपने -अपने संस्था से चर्चा करेंगे ।
2) दूसरा चरण :
Ø हम सभी को कार्यप्रणाली पर जिस पॉइंट पर
आपत्ति या सहमति होगी। हर संस्था का 1 व्यक्ति उसपर विचार रखेगा।
Ø क्या सही है उसपर सहमति बनाई जाएगी।* जिसपर
=सहमति नहीं बन पा रही है उसे नोट करेंगे
Ø उसके बाद 30 min का ब्रेक होंगा। जिसमे हमको जिस पॉइंट पर
आपत्ति होगी उसपर हम अपने -अपने संस्था से चर्चा करेंगे ।
3) तीसरा चरण :
Ø इस चरण में आम सहमति से जिम्मेदारी दी जाएगी।
जिसपर सहमति नही होगी उसपर बहुमत से निर्णय लिया जाएगा।
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा जो भी कार्यप्रणाली बनाई
गई है वह मेरे विवेक के आधार पर बनाया हु आप सभी समाज के वरिष्ठ व अनुभवी समज सेवक
है इसमें जो भी गलती हुई हो उसे माफ़ कर सुधार करने की कृपा करे. साथ ही यह अंतिम
कार्य प्रणाली नहीं है समय और परिस्तिथियों अनुसार सर्व सहामंती से इसमें बदलाव
किया जा सकता है।
धन्यवाद !
6/9/2018
आपका प्रिय अनुज
आपका प्रिय अनुज
विवेक कारूष
चंद्रपुर, महाराष्ट्र
8554095035
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