एक संदेश : अपने समाज के नाम
नमस्कार स्वजाति बंधुओ ,आप सोचिएगा,,,,,, क्या हम जमाने के साथ चल रहे है ?
संकल्प में सामर्थ हो और हौसला बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है।
इतिहास हमे क्या सिर्फ कोशना ही सिखाते है। या उससे सिख कर आगे बढ़ना ।
2019 की शुरुवात हो गई है,बात हमारे समाज की करे तो हम एक औसत भारतीय से 25 साल पीछे चल रहे है।
विवेक कारूष
जो साक्षरता दर भारत की 1993 में थी वह 2018 में हमारी है।
शिक्षा ही वह पैमाना है जो मानव जीवन का मानसिक, शारीरिक, सामाजिक , नैतिक और बौद्धिक विकास को माफता है। ।।
"किसी के भरोसे मत बैठे, क्या पता वह हमारे भरोसे बैठा हो ।
नमस्कार बंधुओ ,
मैं आप लोगों का बहुत बडा आभारी हूं जो आप लोगों ने अपनी समाज को एकता के पथ पर लाने का निश्चय किया हम सभी लोगों का इस ग्रुप के माध्यम से यही प्रयास है कि जो अपने समाज मे अनेकता का भाव है ।उस अनेकता के भाव को एकता मे परिवर्तित किया जाये!!
70 साल देश की आजादी के बाद भी हमारी समाज अन्य जातियों तथा राजनैतिक पार्टियों का गुलाम है । इसका प्रमुख कारण समाज मे अनेकता होना । क्योंकि धरकार समाज पुरे देश मे राजनीति स्तर सबसे कम है। आज के समय मे राजनीति के बिना कुछ भी करना असम्भव है। पढे लिखे होने के बावजूद भी समाज के लडकों को अच्छा प्लेटफॉर्म नही मिल पा रहा है ।अच्छे कालेज नही मिलते क्यों क्योंकि हमारी शिफारिस करने बाला कोई नहीं है इसलिये इन चीजों से हम लोग वंचित रहजाते है। यहां तक कि थाना तहसील व्लाक का कोई भी काम हो हम स्वयं नहीं कर सकते दूसरों का सहारा लेना पडता है।
अतः दूसरों के पैर पकडने से अच्छा है समाज का साथ पकडें ।
हमारा सभी युवा साथियों से अनुरोध है कि समाज के अन्दर से इस गंदगी को निकालना है तो समाज के प्रति तन और मन से मेहनत करना होगा तभी हम समाज को एक शसक्त समाज बना सकते हैं!!
कलम का सही प्रयोग बाबासाहब डा-भीमराव अम्बेडकर जी ने किया था,
साइकिल का सही प्रयोग मान्यवर कांशीराम साहब ने किया था ।
अगर हम सभी ने मिलकर इस मोबाइल का सही प्रयोग कर लिया तो अपने बॉसकर समाज में परिवर्तन लाने से दुनिया की कोई ताकत हमे नहीं रोक सकती।
बाँसकर समाज के सभी युवा साथियों से अपिल है ज्यादा से ज्यादा संख्या में सोसल मिडिया से जुड़कर समाज की मांगों को मजबूत करे !!
धन्यवाद
प्रदीप वर्मा युवा समाज सेवी
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें