सामाजिक आह्वाहन
जिसमें सभी संगठनो के वरिष्ठ बुद्धिजीवियों और सक्रिय कार्यकर्ताओ की सहमति एवम बहुमति के आधार पर निर्णय लिया जाएगा, कि किस विकल्प को चुना जाए जो सामाजिक तौर से सामाजिक हितों के मध्ये नज़र जो श्रेष्ठ हो।
यहाँ मेरी नज़र में तीन संभावनाए एवम विकल्प दिखाई दे रही है।
संभावना 1
नया संगठन का गठन किया जाय ।
संभावना 2
किसी मौजूदा संगठनो में से किसी एक को चुनकर समाज के लिए समर्पित किया जाए। जो पावर ऑफ ऑटोरनी देने को तैयार हो।
संभावना 3
या किसी पुरानी संगठन को पुनर्जीवित किया जाए ।
उपरोक्त तीनो विकल्पों या संभावनाओं में से जो श्रेष्ठ हो उसको सभी संगठनों द्वारा विचार विमर्श कर, आपसी चिंतन और मनन के बाद ही निर्णीत होगा, और उस निर्णय को मानने के लिए सारी संस्थाएं बाध्य होंगी और उसका *एक लीगल एग्रीमेन्ट भी बनेगा* ताकि कल को उस संस्था या उस संस्था का कोई भी सदश्य अपना मुंह न फेर सकें या उसे मानने से मना करदे।
जो भी विकल्प चुना जाएगा उसका कार्यभार बनाये गए बियोलॉज के तहत ही होगा और वो सर्व मान्य होगा।
कानूनन इसपर समाज का पूर्ण अधिकार होगा।
इसमे समाज के सभी संगठनों, बुध्दीजियो, महिला कार्यकर्ताओं की एवम नवयुवकों की पूर्ण रूप से भागेदारी रहेगी।
कुछ संगठनों से आपसी चर्चा के बाद ये सामने आया है कि अभी तक इस सामाजिक हवन कुण्ड में 2 संस्थाओ ने अपने संगठनो की आहुति देने के लिये अपनी सम्मति दे दी है।
आगे देखते है और कौन कौन से संगठन अपनी संस्था की आहुति देने के लिये सामने आते है।
आप सभी लोग अपनी तार्किक सोच और अपना मंतव्य यहाँ इस मंच पर साझा कर सकते और उन सोच एवम तर्क में से जो सामाजिक हितों के लिए श्रेष्ठ, सर्वोत्तम, लाभकारी, निर्विवाद होगा उसको *सर्वसम्मति से स्वीकार कर बायलॉज में डाला जाएगा।
""अभी नही तो कभी नही,,,,,
आइए मिलकर कुछ नया सोचें ,कुछ नया करें।
🙏🏻
Enter yमाननीय विवेक जी जहां तक मेरा अपना खुद का विचार है अगर समाज के सभी लोग राष्ट्रीय लेवल की कार्यकारिणी तैयार करने की सोच रहे या विचार विमर्श किया जा रहा है।
जवाब देंहटाएंतो उसके लिए नई संस्था का नाम देना और नई संस्था बनाया जाना बहुत ही उच्च रहेगा क्योंकि पुराने संस्था समाज की किसी भी संस्था का नाम लेते हैं तो समाज में जो लोग एक दूसरे संस्था के लोगों से आपस में बनती नही है।
समाज के वह लोग कभी इस बात के लिए सहमत नहीं होंगे सभी संगठन या संस्था के लोग यही चाहेंगे कि उनकी संगठन या उनकी संस्था का नाम राष्ट्रीय लेवल के लिए चुना जाना चाहिए।
इसलिए मेरा खुद का विचार है कि राष्ट्रीय लेवल की कमेटी के लिए एक नया नाम समाज के सभी वरिष्ठ लोगों के द्वारा चुना जाए।
और उसको फाइनल करके एक नई कार्यकारिणी बनाई जाए समाज के सभी लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद।
बृजेन्द्र सिह बेनवंशी
इन्दौर मध्य प्रदेश
मो.09713657195our comment...
Date_18_07_2017
जवाब देंहटाएंविषय:
समाज के लोगों के लिए बहुत ही खुशी की बात है
कि आज अपने समाज के लोगों के द्वारा समाज की राष्ट्रीय कमेटी बनाई जाने के लिए विचार विमर्श चल रहा है
जहां तक मेरा विचार है कि अपने समाज के राष्ट्रीय कमेटी को एक नया नाम दिया जाना चाहिए।
मीटिंग के लिए मुंबई दिल्ली उत्तर प्रदेश इन तीनों में से कोई एक स्टेट को चुना जाए।
राष्ट्रीय कमेटी के लिए समाज के जो लोग भी विचार विमर्श कर रहे हैं।
या किया जा रहा है यह बहुत ही खुशी की बात है मेरी आप लोगों से एक ही रिक्वेस्ट है कि समाज के जितने भी।
संस्था चल रही हैं उन्हें प्रॉपर चलने दिया जाए और अगर कोई समाज की नई संस्था बनाई जाती है।
तो उसे भी बनाने दिया जाए संस्थाएं बढ़ने से और ज्यादा होने से हमारे समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगो तक जानकारी पहुंचेगी।
समाज को लेकर और अच्छे से अच्छा काम होता रहेगा अब राष्ट्रीय कमेटी इन सभी संस्थाओं पर अपनी नजर रखें।our comment...
सभी स्वजतिउ बंधुओं को मेरा बंदन 🙏😊.
जवाब देंहटाएंआपकी सोच काफ़ी सराहनीय है और मैं इस आह्वान का हृदय पुर्बक स्वगे करता हूँ.
मैं और मुझसे जुड़ी संस्थाओंके के लोग इस मुहिम को आगे ले जाने में जर तरह से समर्पित होंगे. अब वो समय आ गया है जब हमें अपनी एकता ,अखण्डितता, और समर्पण की भावना को प्रदर्शित कर समाज को एक नए आयाम में ले जाये.
मैं मन ,कर्म और वचन से समाज को समर्पित होते हुए सम के सफलता के लिए उसको संगठित होने के लिए और संगठित करने के लिए हर सम्भव प्रयास करूँगा.
अनेकता में एकता ही हमारीं पहचान है,
विश्वास ही हमारीं शक्ति है
कर्म ही हमारीं पूजा है
मिलना ही हमारीं भूख है
सफलता ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है
अखंड धरकार परिवार की जय हो ✊ ,जय हो ✊ जय हो✊
सभी स्वजतिउ बंधुओं को मेरा बंदन 🙏😊.
जवाब देंहटाएंआपकी सोच काफ़ी सराहनीय है और मैं इस आह्वान का हृदय पुर्बक स्वगे करता हूँ.
मैं और मुझसे जुड़ी संस्थाओंके के लोग इस मुहिम को आगे ले जाने में जर तरह से समर्पित होंगे. अब वो समय आ गया है जब हमें अपनी एकता ,अखण्डितता, और समर्पण की भावना को प्रदर्शित कर समाज को एक नए आयाम में ले जाये.
मैं मन ,कर्म और वचन से समाज को समर्पित होते हुए सम के सफलता के लिए उसको संगठित होने के लिए और संगठित करने के लिए हर सम्भव प्रयास करूँगा.
अनेकता में एकता ही हमारीं पहचान है,
विश्वास ही हमारीं शक्ति है
कर्म ही हमारीं पूजा है
मिलना ही हमारीं भूख है
सफलता ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है
अखंड धरकार परिवार की जय हो ✊ ,जय हो ✊ जय हो✊