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समाजिक स्तिथी

सूचना समस्थ धरकार समाज के व्यक्तियो को सूचित किया जाता है कि बहुत जल्द हम राष्ट्रीय स्तर पर समाज हित मे एक मुहिम चलाने वाले है। उसी कड़ी में आज *एक छोटा सा सर्वे*-किया जा रहा है । कृपया आप सभी इस सर्वे में भाग लेने की कृपा करें। https://forms.gle/LLFVMyREDLEGpiQK6 2) धरकार समाज की जनसंख्या और सामाजिक स्तिथी कितनी है जानने और अपना और अपने परिवार का नाम जनगणना रजिस्टर में दर्ज करने हेतु यह लिंक खोलिये व फॉर्म भरे। समाज की जनसंख्या

जनगणना धरकार समाज

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कुछ दिल की कलम से

कुछ दिल की कलम से ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की,  आप मुझे पहचानते हो     बस इतना ही काफी है.   अच्छे ने अच्छा और      बुरे ने बुरा जाना मुझे,         क्यों की जिसकी जितनी जरूरत थी         उसने उतना ही पहचाना मुझे. जिन्दगी का फलसफा भी     कितना अजीब है,   शामें कटती नहीं और साल गुजरते चले जा रहें है. एक अजीब सी    दौड है ये जिन्दगी,      जीत जाओ तो कई,        अपने पीछे छूट जाते हैं और  हार जाओ तो     अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं.    बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अकसर,   क्योंकि मुझे अपनी       औकात अच्छी लगती है. मैंने समंदर से    सीखा है जीने का सलीका,  चुपचाप से बहना और         अपनी मौज मे रेहना. ऐसा नहीं की मुझमें    कोई ऐब नहीं है,         पर सच कहता हूँ         मुझमें कोई फरेब नहीं है. ...

समाज खुले मन के साथ मानव सेवा का जज्बा लेकर लोगो की मदत कर रहा है।

       विप्पत्ति के इस घड़ी में धरकार समाज के सेवी पूरे देश मे सेवा दे रहे है । "मौजूदा संकट की घड़ी में यह जरूरी है कि हम एक समुदाय के रूप में सहयोग करें और सामूहिक रूप से एक दूसरे की यथासंभव मदद करने के लिए काम करें. ।             एक तरफ हम इस बात से सहमत हैं कि इस कोरोना महामारी  के खिलाफ lock down जरूरी है , दूसरी तरफ हम यह भी समझते हैं कि समाज के कुछ भाई परिवार ऐसे भी है जिनपर यह लॉक डाउन विप्पति लेकर आया है ।         धरकार समाज के सभी संगठन, व्यक्ति व्यक्तिगत और NGO के साथ मिल कर पूरे खुले दिल और जज्बे के साथ पूरे देश में समाज सेवक अपने अपने स्तर पर मदत कर रहे है।         कानपुर :  कानपुर की सेवा संस्थान लोगो की पीड़ा को समझते हैं कि कर्फ्यू के कारन समाज के कुछ निश्चित वर्ग ऐसे हैं जिनके पास अपने और अपने प्रियजनों की रक्षा के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। सेवा संस्थान  नहीं चाहती  कि कोई भी शहर में भूखा सोए। इस कारण लॉक डाउन के पहले दिन से ही यह संस्था...