बेटियों के ऊपर पारिवारिक जीवन में बहोत बड़ी जिम्मेदारी होती है उस जिम्मेदारी को सही से निर्वाह करने के लिए बेटीयों को पहले उसे उस काबिल बनाये । समाज में यह खूब देखने को मिल रहा है की बेटियों को पढ़ा -लिखा कर किसी बड़ी जिम्मेदारी लेने के काबिल नहीं बनाते है और शादी करके बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए ससुराल भेज देते है आखिर किस उम्मीद से!! मेरा मानना है पारिवारिक जीवन के विफलता का प्रमुख कारण यही रहा है !! हम ऐसे समाज में रह रहे है जहा हर मोड़ पर बेटियों बहनों को तिरस्कृत और हेय दृष्टि से देखा जाता है!! जबकि आज के परिवेश में लड़किया किसी लड़के से कम नहीं है अगर उन्हें पूर्ण विस्वाश के साथ कुछ करने का मौका दिया जाये तो मुश्किल से मुश्किल काम को चुनौती पूर्वक आसानी से कर लेती है !! जबकि लड़के पूर्ण आजादी मिलने के बाद भी आत्मविस्वाश के साथ नहीं कर पाते है !! ...
शिक्षा, विकास, समर्पण